शेल्टर होम में सरकारी संरक्षण में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ जनसंवाद


मुजफ्फरपुर सहित बिहार के तमाम बालिका, अल्पावास, स्वाधार व अन्य शेल्टर होम में सरकारी संरक्षण में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ आज दिन 18 अगस्त को पटना के आइएमए हाॅल में महिला संगठनों ने जनसंवाद का आयोजन किया. जनसंवाद में महिला संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा पटना शहर के कई बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया और कहा कि महिलाओं पर सरकारी संरक्षण में जारी इस हिंसा को नागरिक समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.

इस जनसंवाद का आयोजन महिला संगठनों अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन-ऐपवा, बिहार महिला समाज, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति-ऐडवा, अखिल भारतीय सांस्कृतिक महिला संगठन, बिहार वीमेन नेटवर्क, साझा मंच, डब्लूएसएस, जनजागरण शक्ति संगठन, नाजरेथ समाज, बिहार मुस्लिम महिला मंच, अपने आप आदि महिला संगठनों ने संयुक्त रूप से किया.

महिला संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा जनसंवाद के कार्यक्रम में पटना विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की शिक्षिका प्रो. डेजी नारायण, एएन सिन्हा के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर, एडवोकेट शमा सिन्हा आदि बुद्धिजीवी शामिल हुए.

जनसंवाद का विषय प्रवेश ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने किया और जनसंवाद के पूरे परिप्रेक्ष्य को हाॅल में जुटीं महिलाओं के समक्ष रखा. उन्होंने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि बिहार की महिला संगठनों के लंबे आंदोलनों के बाद मुजफ्फरपुर सहित अन्य शेल्टर होम के मामले में कुछ कार्रवाइयां हुई हैं लेकिन वे बेहद नाकाफी हैं. उससे न तो असली मुलजिमों पर शिकंजा डाला जा सकता है और न ही महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी हो सकती है. इसलिए बिहार की महिलाओं ने आगे आंदोलनों के कार्यक्रमों को जारी रखने के सवाल पर इस जनसंवाद का आयोजन किया है.

विषय प्रवेश के उपरांत तमाम महिला संगठनों की ओर एक-एक प्रतिनिधियों ने अपने वक्तव्य रखे. बिहार महिला समाज की ओर से निवेदिता झा, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, बिहार वीमेन नेटवर्क से नीलू, अखिल भारतीय महिला जनवादी महिला समिति से रामपरी देवी, अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक महिला संगठन से अनामिका, साझा मंच से रंजना दास, जनजागरण शक्ति संगठन से सोहिनी, नाजरेथ समाज से सिस्टर लीना, अपने आप से खुश्बू मिश्रा, बिहार मुस्ल्मि महिला समाज व अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने जनसंवाद को संबोधित किया.

इस मौके पर वरिष्ठ महिला कार्यकर्ता सुशीला सहाय और ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे भी मंच पर उपस्थित थीं. कोरस की टीम के गायन के साथ कार्यक्रम आरंभ हुआ और उसके बाद मोना झा ने निर्मला पुतुल की दो कविताओं का पाठ किया. तत्पश्चात जनसंवाद का कार्यक्रम आरंभ हुआ.

वक्ताओं ने कहा कि हमारे आंदोलनों के दबाव में टी.आई.एस.एस. की रिपोर्ट सरकार को सार्वजनिक करनी पड़ी है. इस रिपोर्ट में 17 सेंटरों की हालत बेहद भयावह बताई गई है. इसलिए हमारी मांग है कि मुजफ्फरपुर सहित इन गंभीर 17 शेल्टरों सहित सभी 110 शेल्टरों की जांच हाइकोर्ट के निर्देशन में सीबीआई करे. मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन वे भी अब लगातार भाजपा कोटे के मंत्री सुरेश शर्मा का नाम ले रही हैं. भाजपा को बताना चाहिए कि आखिर वह सुरेश शर्मा का बचाव क्यों कर रही है?

महिला संगठनों ने कहा कि संस्थागत यौन उत्पीड़न से अब यह मामला संस्थागत हत्या तक पहुंच गई है. पटना के आसरा शेल्टर में दो महिलाओं की मौत बेहद संदेहास्पद है. वहां महिलाओं को जबरन गुलाम बनाकर रखा जा रहा है. एक-एक कर परदा उठ रहा है. और इसकी आंच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तक पहुंच रही है. इसलिए महिला संगठनों की मांग है कि इन दोनों नेताओं को भी तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इनके रहते भला निष्पक्ष जांच की कैसे उम्मीद की जा सकती है.

अंत में जनसंवाद से कुछ प्रस्ताव भी पारित किए गए.

1. सभी 110 शेल्टरों की जांच सीबीआई से कराई जाए.
2. जांच में किसी भी प्रकार की आनाकानी को महिला संगठन बर्दाश्त नहीं करेंगे.
3. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व सुशील मोदी को इस्तीफा देना चाहिए तथा सुरेश शर्मा को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.
3. केरल में आई बाढ़ की विपदा हम सभी एकजुट होकर सहयोग करें.
4. जनसंवाद का कार्यक्रम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने गए अग्निवेश और मोतिहारी विवि में प्रो. संजय कुमार पर संघी गंडों द्वारा हमले की तीखी निंदा करती है.

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