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Showing posts from August, 2017

बलात्कारी रामरहीम को भाजपाई सरंक्षण और कानून व न्याय के खुले उल्लंघन के खिलाफ ऐपवा का मार्च

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बलात्कार के आरोप के बावजूद पीएम मोदी ने डेरा प्रमुख रामरहीम को बताया स्वच्छता आंदोलन का प्रतीक. दोनों साध्वियों और दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का संघर्ष न्याय आंदोलन को देगा नई गति. न्यायपालिका को धमकाने वाले भाजपा सांसद साक्षी महाराज पर कार्रवाई करो. पटना 26 अगस्त 2017 ऐपवा की बिहार कमिटी ने हरियाणा के पंचकुला में डेरा प्रमुख रामरहीम को बलात्कार के आरोप में दोषी करार दिए जाने के बाद घटित हिंसा-उत्पात की घटनाएं व उसके सामने हरियाणा सरकार के संपूर्ण आत्मसमर्पण को घोर निंदनीय बताते हुए उसके खिलाफ आज पटना में प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया. रेलवे स्टेशन गोलबंर स्थित बुद्धा पार्क से यह मार्च निकलकर डाकबंगला होते हुए रेडियो स्टेशन पहुंचा, जहां एक सभा आयोजित हुई. मार्च का नेतृत्व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, प्रो. भारती एस कुमार, ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, महिला बुद्धिजीवी मीरा दत्त, अनिता सिन्हा, सोहिला गुप्ता, अनुराधा, मधु आदि महिला नेताओं ने किया. प्रदर्शनकारी हिंसा-उत्पात को प्रश्रय देना बंद करो, खट्टर-मोदी शर्म करो, धर्म के नाम पर हिंसा व आगजनी के समर्थक भा

AIPWA Statement Welcoming Supreme Court Verdict Striking Down Instant Triple Talaq

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Source: news18.com We welcome the verdict of the Supreme Court - Shayara Bano v. Union of India and Ors” WP (C) No. 118/2016 - holding instant Triple Talaq in one sitting to be unconstitutional and arbitrary, as well as un-Islamic and striking it down. This verdict is a victory for the Muslim women and Muslim women’s groups that have led the sustained struggle for the ban on the practice. The verdict affirms the Constitutional principles of the equality, rights, and dignity of women. The struggles of Muslim women to abolish instant Triple Talaq are all the more courageous and laudable because they have been conducted in a hostile climate – where the Central Government has tried to politically appropriate their struggle for its own communal agenda, and where the rights and dignity of minorities are under an unprecedented attack in India. The attempts by some quarters to credit the Prime Minister Narendra Modi and his party for the verdict and paint this verdict as a vict

सरकारी विज्ञापनों की लेंस से : ‘अहा ग्राम्य जीवन’

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लाल बॉर्डर और नीले बॉर्डर की झक सफेद साड़ी पहने आशा और आंगनबाड़ी कर्मी बेहद आत्मीय मुस्कान के साथ खुशगवार, डॉक्टर खुश, नर्स खुश, मां अपने नवजात शिशु को निहारती खुश, पिता खुश, सास खुश। स्वादिष्ट दाल, ताजा हरी सब्जियों, सलाद, घी लगी रोटियों, बारीक सपफेद चावल से भरी गरम-गरम दिखती खाने की साफ-सुथरी चमकती स्टील की थाली। सुंदर, सुख-समृद्ध से पूर्ण हरा-भरा गांव, सिर पर साड़ी का पल्ला रखे सुंदर मुसकुराती बहू, उसकी देखभाल करता सम्पन्न ग्रामीण परिवार, छोटी-छोटी हंसती खिलखिलाती दो चोटियां बांधे ग्रामीण बच्चियां, शर्माती सकुचाती युवतियां और अंत में प्रधानमंत्री जी की महिलाओं के हित में देश से बेहद मार्मिक अपील। दूरदर्शन और कभी-कभी निजी समाचार-चैनलों पर भी प्रसारित होने वाले सरकारी विज्ञापनों के ये कुछ अक्सरहा देखे जा सकने वाले चित्र हैं। यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक विज्ञापन का स्क्रीनशॉट है इनमें से अधिकांश विज्ञापनों का प्रसारण सरकार के एक कम नामचीन मंत्रालय, ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ के सौजन्य से होता है। मंत्रालय का अपने बारे में कहना है कि उसका काम महिलाओं को आत

आशा का संगठन और आंदोलन: एक अनुभव

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आज भी ग्रामीण भारत बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर है. महिला स्वास्थ्य खासकर एनीमिया ग्रस्तता की स्थिति भयावह तस्वीर पेश कर रही है. कुपोषण, एनीमिया के बीच परंपरागत प्रसव के चलते जच्चा-बच्चा मृत्यु दर काफी चैंकाने वाले हैं. बाल मृत्यु-दर का अनुपात भी काफी है. टीकाकरण के समुचित व्यवस्था नहीं रहने के चलते कई तरह की बीमारियां हैं. पिछले एक दशक से हिंदी पट्टी के गोरखपुर से लेकर मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की जान एक खास समय में गई है. इसका विस्तार बंगाल तक है. बच्चों को ग्रसित करने वाली ये बीमारियां बार-बार सामने आ रही है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में पलायन जनित संक्रमित बीमारियों का जाल विस्तृत हो रहा है. गुजरात, दिल्ली, बंबई आदि जगहों पर फैले डेंगु, चिकेन गुनिया, बर्ड फ्लू आदि के मरीज का विस्तार देश के सुदूर गांवों तक हो रहा है.  क्या है राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ? देश के 18 राज्यों जहां जन स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है और जनता तक हेल्थ केयर सिस्टम पहुंच नहीं पा रहा है - इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत की गई है. आम ग्रा

चोरो, अपराधियो को संरक्षण और जनप्रतिनिधियों की गिरफ्तारी क्यो बगोदर पुलिस जबाब दो

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भाजपा विधायक नागेंद्र महतो और भाजपा गुंडों के इशारे पर बगोदर  उप प्रमुख सह माले नेत्री सरिता साव की गिरफ्तारी की गयी है।  बगोदर पुलिस भाजपा कार्यकर्ता के बतौर काम कर रही है। भाजपा विधायक और उनके नेता भ्रष्टाचार का विरोध करने वाली सरिता साव की गिरफ्तारी करवाकर यह समझ रही है कि उनके लूटने का रास्ता साफ हो गया तो वो इस मुगालते में न रहे। जब-जब भाकपा माले के साथियों पर दमन बढ़ा है इलाके की जनता ने लाल झंडे को और भी मज़बूती के साथ थामा है।बगोदर पुलिस यह तर्क देती है कि उनपर वारेंट था तो  वो वारेंट किस चीज़ के लिए था वो इसलिए था क्योंकि ज़िप सदस्य सरिता महतो और उप प्रमुख सरिता साव ने बगोदर विधायक नागेंद्र महतो के विधायक मद से बगोदर बस पड़ाव में बन रहे शौचालय में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया था।बगोदर पुलिस इस गिरफ्तारी पर अपनी पीठ थप-थपा रही है पर दूसरी ओर कई ज़िले का कुख्यात कोयला तस्कर फ़र्ज़ी दारोगा जो आज भाजपा का नेता है बगोदर विधायक नागेंद्र महतो का विधायक प्रतिनिधि है के खिलाफ बगोदर थाने में स्थायी वारन्ट है साथ ही कई भाजपा नेताओं के खिलाफ वारंट है।पर बगोदर पुलिस इनकी गिरफ्तारी से बच र

दलित नेत्री जीरा भारती के लिए मिर्जापुर में आम हड़ताल

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दलित नेत्री जीरा भारती के लिए मजदूरों ने मिर्जापुर में 30 जुलाई को आम हड़ताल किया. दबंग सामन्तों द्वारा सरे राह जीरा भारती के ऊपर यौन हमला करने वाले दबंग जमींदार की गिरफ्तारी और भाजपा विधायक रमा शंकर पटेल के संरक्षण में जीरा भारती के ऊपर उल्टे आपराधिक मुक़दमे वापस लेने की गारंटी के लिए ऐपवा, खेत मजदूर सभा और भाकपा माले के बैनर तले मिर्जापुर के मेहनतकश मजदूरों ने एक दिन की मजदूरी छोड़कर जीरा भारती के गांव में की प्रतिरोध सभा।  प्रतिरोध सभा को ऐपवा की राज्य अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, सचिव कुसुम वर्मा , ऐपवा वाराणसी से सुतपा गुप्ता , माले   यूपी सचिव सुधाकर यादव, के अतिरिक्त तमाम मेहनतकश मजदूरों ने सम्बोधित किया। संचालन आइसा के राज्य सचिव सुनील मौर्या ने किया। प्रतिरोध सभा से पहले दुर्गम पहाड़ियों में स्थित जीरा भारती के गांव रिक्शा खुर्द तक मजदूरों ने दीप बाजार से एक मार्च भी निकाला जुलूस में मिर्जापुर के सीओ के साथ पुलिस का काफिला भी डरता-डरता सा चलता रहा। कार्यक्रम के अंत में 7 सूत्रीय ज्ञापन एस डी एम सविता यादव को दिया गया।