Posts

Showing posts from November, 2018

‘मीटू’: श्रमिक औरतों की कहानी

Image
हालांकि ‘मीटू’ आन्दोलन हाल ही में शुरू हुआ है, लेकिन हिंदुस्तान में यह नयी बात नहीं है. यौन उत्पीड़न के खिलाफ़ लड़ाई तब शुरू हुई थी जब राजस्थान के एक गाँव की साथिन भंवरी देवी पर इसलिए बलात्कार हुआ क्योंकि वह बाल विवाह को रोकने का अपना काम कर रही थीं. श्रमिक वर्ग की हर महिला के पास एक मीटू की कहानी है. नौकरी जाने का खतरा, कम वेतन - जिस पर उनका पूरा परिवार जीता है, कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं और उसपर जातिगत और वर्गीय हिंसा. इन वजहों से औरतें खुद पर हुए यौन उत्पीड़न के बारे में नहीं बता पाती. ‘मीटू’ आन्दोलन का नेतृत्व कोई एक महिला नहीं कर रही. इसमें भाग ले रही महिलाएं जिन्होंने खुदपर हमला करने वालों का खुलासा किया है, वे सब इसे अपना आन्दोलन मानती हैं. इसमें यौन उत्पीड़न के खिलाफ़ महिलाओं ने असाधारण एकता दिखाकर उसकी पोल खोली है. यह आन्दोलन उन झूठे दावों को भी ख़ारिज करती है जिनमें कहा जाता है कि औरतों का उत्पीड़न इस वजह से होता है क्योंकि वे कम कपड़े पहनती हैं, क्योंकि वे पुरुषों को रिझाती हैं, क्योंकि उनका चरित्र अच्छा नहीं होता, क्योंकि वे ही ऐसा चाहती थीं, वगैरह. यह आन्दोलन हमें दिखाता

झारखंड में महिला उत्पीड़न के विरोध में कार्यक्रम

Image
यों तो महिला उत्पीड़न की घटनाओं के मामले में, खासकर भाजपा सरकार बनने के बाद से, झारखंड हमेशा सुर्खियों में रहता आया है, पर हाल के अरसे में तो लगता है कि विभिन्न किस्म की महिला उत्पीड़न की घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. हर मामले में अपराधियों को बचाने में भाजपा नेताओं और पुलिस की मिलीभगत भी सामने आ रही है जिसकी वजह से अपराधी कहीं पकड़े नहीं जा रहे हैं. भाकपा(माले) ने ऐसे हर मामले में पहलकदमी ली है और शासक भाजपा व प्रशासन को बेनकाब करते हुए अपराधियों को कठघरे में खींच लाने के लिये संघर्ष चलाया है. गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड में एक नाबालिग आदिवासी छात्र के साथ दो युवकों ने बलात्कार किया लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते दो दिनों तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई. इसके विरोध में दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाकपा(माले) ने 31 अक्टूबर 2018 को तिसरी बंद आयोजित किया और प्रतिवाद मार्च निकाला. धनवार के भाकपा(माले) विधायक का. राजकुमार यादव के नेतृत्व में प्रतिवाद मार्च तिसरी के गंभरिया टांड़ से निकलकर थाना होते हुए तिसरी चौक पहुंचा जहां नुक्कड़ सभा हुई. प्रतिवाद मार्च में सैकड

बिहार में लड़कियों के जुझारू आन्दोलन की धमक

पटना के आईएमए हाॅल में 29 अक्टूबर को आइसा व ऐपवा की ओर से छात्रा संवाद का आयोजन हुआ जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों से छात्राओं ने हिस्सा लिया और अपने मन की बातें कहीं. छात्रा संवाद में छात्राओं ने पढ़ने-लिखने और हर प्रकार की आजादी की मांग उठाई. 

आशा का तीसरा बिहार राज्य सम्मेलन सम्पन्न

Image
★आशा सहित सभी स्कीम वर्करों को आधुनिक गुलाम बनाने वाली मोदी नीतीश सरकार को चुनाव में धूल चटाने, 8-9 जनवरी को देशव्यापी दो दिवसीय आम हड़ताल को सफल बनाने के आह्वान के साथ आशा संघ का तीसरा राज्य सम्मेलन संपन्न. ★आशा को सरकारी कर्मी का दर्जा देने, 18000 मानदेय लागू करने की मांग पर 1 दिसंबर से अनिश्चितकालीन राज्यव्यापी हड़ताल से मोदी-नीतीश के खिलाफ होगी आर पार की लड़ाई. ★ आशा कार्यकर्ता संघ के तीसरे राज्य सम्मेलन से शशि यादव अध्यक्ष, विद्यावती पांडे महासचिव चुनी गयी, 15 सदस्यीय पदाधिकारी में पांच उपाध्यक्ष, 5 सचिव, अनीता देवी कोषाध्यक्ष चुनी गयी । आशा को सरकारी सेवक का दर्जा दो, 18000 मानदेय लागू करो के नारा पर महासंघ गोप गुट व ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ का आहूत तीसरा राज्य सम्मेलन आशा सहित सभी स्कीम वर्करों को आधुनिक गुलाम बनाने वाली मोदी- नीतीश सरकार को आगामी चुनाव में धूल चटाने , 1 दिसंबर से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल से मोदी- नीतीश के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू करने तथा 8 -9 जनवरी 19 को देशव्यापी दो दिवसीय आम हड़ताल को सफल बनाने के आह्वान के साथ आज