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Showing posts from March, 2019

Working Womens’ Manifesto for Lok Sabha Elections Released

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Working Womens’ Manifesto for Lok Sabha Elections Released at Public Hearing Presided by Writers, Journalists and Professors! Women working as Sanitation Workers, Domestic Workers, Health Workers, Agricultural Workrers Speak Up about the Betrayal of Modi Govt. of Women Workers!! Working women condemn the Modi Govt’s promotion of jingoism and call it a ploy to distract attention from burning Issues!! On the eve of International Womens’ Day today the All India Progressive Womens’ Association (AIPWA) and All India Central Council of Trade Unions (AICCTU) held a public hearing today at Jantar Mantar. Working women from all over Delhi and different sectors like sanitation workers, domestic workers, scheme workers, agricultural workers participated and spoke at the Public Hearing. The Public Hearing had a distinguished panel of jurists which included Prof. Tanika Sarkar, Historian, Dr. Uma Chakrabarti, Anumeha Yadav, journalist, Bhasha Singh, Journalist, Poonam Tusamad, Secr

डालीबाग में कश्मीरियों पर हमला करने वाले गुंडों को गिरफ्तार करो

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस  की पूर्व संध्या पर आज 7 मार्च को एपवा व अन्य महिला संगठनों तथा लोकतंत्र-पसंद नागरिकों ने परिवर्तन चौक से  गांधी प्रतिमा हज़रतगंज तक मार्च निकाला । मार्च में शामिल लोग नारे लगा रहे थे, "महिला सुरक्षा, सम्मान व अधिकारों की गारंटी करो", "आतंकवाद, युद्धोन्माद, नफरत व विभाजन की राजनीति बंद करो", "डालीबाग में कश्मीरियों  पर हमला करने वाले गुंडों को गिरफ्तार करो", "लोकतंत्र की हिफाजत के लिए आगे बढ़ो" आदि नारो के साथ मार्च करते हुए गांधी प्रतिमा पर पहुंच कर सभा मे बदल गया। सभा का संचालन करते हुए एपवा की जिला संयोजिका मीना सिंह ने लोगों को उन महान महिला आंदोलनों की याद दिलाई जिनकी बदौलत महिला मुक्ति का कारवां आगे बढ़ा और मौजूदा मुकाम तक पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी-योगी सरकार की नीतियां महिला आन्दोलन की तमाम उपलब्धियों को छीन लेने पर आमादा हैं। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण को ठंडे बस्ते में डाल दिया और महिला व सम्मान, सुरक्षा व अधिकारों पर लगातार हमले कर रही हैं। आगे उन्होंने कहा कि जनसंघर्षों तथा जनराजनीति के

2019 लोकसभा चुनाव – महिला मजदूरों का घोषणा-पत्र

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चुनावी युद्धोन्माद और साम्प्रदायिक ज़हर नहीं चाहिए-हमें अपने अधिकार चाहिए!        अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर 7 मार्च को दोपहर 12 बजे जंतर-मंतर पर इकठ्ठा हो!! इस साल अंतराष्ट्रीय कामगार महिला दिवस पर महिलाओं को मोदी सरकार से ये बात मजबूती से कहने की ज़रूरत है, उनके 'महिला सशक्तिकरण ' और ' बेटी बचाओ’ के वादें झूठे और खोखले हैं. हमें जुमला नहीं अपने ठोस अधिकार चाहिए। पिछले 5 वर्षों में मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने में विफल रही कि महिलाओं को सही मजदूरी के साथ सुरक्षित और सम्मानजनक रोज़गार मिले? अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास मेहनतकश महिलाओं के संघर्ष और आंदोलनों का इतिहास है। 20 वीं सदी के शुरू में महिला मजदूरों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के लाल झंडे और क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आंदोलन के साथ मिलकर 8 घंटे काम, सुरक्षित रोजगार, कार्यस्थल पर सुरक्षा और वोट देने का अधिकार की मांग के साथ जबरदस्त आंदोलन किया। 1911 में पहला अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मानाने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी के साथ-साथ ये महिलाएं विभिन्न देशों से एकजुट हुई। हर साल, अं