मुजफ्फरपुर रिमांड होम : बिहार के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र जिसे अखबारों ने नहीं छापा

मुजफ्फरपुर रिमांड होम का मामला अब तूल पकड़ चुका है लेकिन कुछ लोगों की यह मान्यता है कि मामला बड़ी देर से समझ में आया. हो सकता है उन्हें देर से समझ में आई हो, लेकिन बिहारी समाज व महिलायें पहले दिन से ही इस सांस्थानिक यौन उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर हैं. इन आंदोलनों का ही दबाव है कि आज इस घटना की सीबीआई जांच को सरकार तैयार हुई है वरना इस मामले को दबा देने की कोई कम कोशिश नहीं हुई. 13 जुलाई 2018 को पटना में महिला संगठनों ने प्रेस वार्ता आयोजित कर मुजफ्फरपुर रिमांड होम की घटना पर मुख्यमंत्री की चुप्पी के खिलाफ 19 जुलाई को राज्यव्यापी प्रतिवाद की घोषणा की. महिला संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम एक खुला पत्र जारी किया और पटना शहर के तमाम अखबारों में फोन करके उसे छापने का आग्रह किया. यह आग्रह खुद ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने किया लेकिन किसी भी अखबार ने नोटिस नहीं ली. इसका क्या अर्थ निकलता है? काॅरपोरेट मीडिया ने इस खबर को दाबने की ही कोशिश की लेकिन ऐसा संभव न हो सका. यहां प्रस्तुत है महिला संगठनों द्वारा जारी बिहार के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र मुख्यमंत्री महोदय, बिहार में हर