आसरा शेल्टर की स्थिति अत्यंत भयावह, ऐपवा-माले-आइसा-इनौस की जांच टीम ने किया दौरा

स्थानीय बनारसी सिंह को फंसा रही है पुलिस.
सभी लड़कियों को अविलंब सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया जाए.

पटना 13 अगस्त 2018
पटना स्थित आसरा शेल्टर गृह का आज ऐपवा, भाकपा-माले व आइसा की एक संयुक्त जांच टीम ने दौरा किया. जांच टीम ने कहा है कि शेल्टर गृह की लड़कियों व आसपास के लोगों से बातचीत के आधार प्रतीत होता है कि बबली (40 वर्ष) और पूनम (17) की मौत कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि दोनों की साजिशन हत्या की गई है. इसमें स्थानीय थाने की भी भूमिका संदेहास्पद है.


जांच टीम में ऐपवा की पटना नगर सचिव अनीता सिन्हा, भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य व पटना नगर के सचिव अभ्युदय,  इनौस के राज्य सचिव नवीन कुमार, आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार, ऐपवा की मधु, कमला देवी, मीना देवी और माले नेता रामकल्याण चैधरी शामिल थे.
जांच टीम ने कहा है कि शेल्टर गृह की हालत बेहद भयावह है. वहां रह रही लड़कियां पूरी तरह भयभीत हैं. लड़कियों ने खिड़की पर आकर बताया कि 10 अगस्त को 3 से 4 बजे के बीच संस्थान की कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल की गाड़ी पर तबीयत खराब होने पर बबली देवी को इलाज के लिए ले जाया गया. पूनम उनकी देखभाल के लिए साथ गई थी. लेकिन शेल्टर होम में रह रही लड़कियों को आज तक उन दोनों की मौत का पता नहीं. तीन से चार घंटे के बीच आखिर ऐसा क्या हो गया कि दोनों की मौत हो गई? जाहिर सी बात है कि इस बीच साजिश करके उनकी हत्या की गई.
जांच टीम ने पड़ोसियों से भी बात की. आसरा होम के ठीक बगल में रहने वाली नीतू सिंह ने बताया कि आए दिन लड़कियों के रोने चिल्लाने की आवाज आते रहती है. गार्ड उन्हें पीटा करता है. न उन्हें ठीक से भोजन दिया जाता है न ही उनका इलाज कराया जाता है. उनके ही पिता बनारसी सिंह को पुलिस ने आसरा होम में रहने वाली लड़कियों से छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बजरंगी सिंह की उम्र लगभग 70 वर्ष की है और वे सब्जी बेचने का काम करते हैं. जब आसरा होम में रहने वाली लड़कियां काफी चीखती चिल्लाती थीं तब उन्होंने खिड़की काट डालने के लिए ब्लेड दिया था. इसी को बहाना बनाकर थाना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सैकड़ों की तादाद में स्थानीय लोगों ने थाना पर प्रदर्शन भी किया था. इससे साफ होता है कि स्थानीय प्रशासन व आसरा होम के संचालकों में गहरे संबंध रहे हैं और बजरंगी सिंह को साजिशन फंसाया गया.
जांच टीम को आसरा होम में रहने वाली महिलाओं-लड़कियों ने वहां से निकालने की अपील की है. कंचन कुमारी, पिता का नाम – जनक पासवान, पति – बलिन्द्र पासवान, ग्राम – मिर्जापुर, थाना – कल्याणपुर, जिला – समस्तीपुर, पिछले 6 महीने से बेवजह इस शेल्टर में हैं. उन्होंने जांच टीम से अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि उनका संदेश उनके घर वालों तक पहुंचा दिया जाए.
जांच टीम ने मांग की है कि शेल्टर होम में रहने वाली सभी 52 संवासनियों को तत्काल दूसरी सुरक्षित जगह स्थानांतरित किया जाए, उनमें जो अपने घर जाना चाहती हैं उन्हें अविलंब घर भेजा जाए और स्थानीय बनारसी सिंह को रिहा किया जाए.
जांच टीम ने कहा है कि ये घटनाएं शेल्टर गृहों के साक्ष्यों को मिटाने के लिए भी किए जा सकते हैं. जब तक नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी अपने पद पर बने रहेंगे, इसकी सही तरीके से जांच नहीं हो सकती है. इसलिए ये दोनों अपने पद से इस्तीफा दें.
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