बलात्कारी रामरहीम को भाजपाई सरंक्षण और कानून व न्याय के खुले उल्लंघन के खिलाफ ऐपवा का मार्च

बलात्कार के आरोप के बावजूद पीएम मोदी ने डेरा प्रमुख रामरहीम को बताया स्वच्छता आंदोलन का प्रतीक.

दोनों साध्वियों और दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का संघर्ष न्याय आंदोलन को देगा नई गति.

न्यायपालिका को धमकाने वाले भाजपा सांसद साक्षी महाराज पर कार्रवाई करो.

पटना 26 अगस्त 2017
ऐपवा की बिहार कमिटी ने हरियाणा के पंचकुला में डेरा प्रमुख रामरहीम को बलात्कार के आरोप में दोषी करार दिए जाने के बाद घटित हिंसा-उत्पात की घटनाएं व उसके सामने हरियाणा सरकार के संपूर्ण आत्मसमर्पण को घोर निंदनीय बताते हुए उसके खिलाफ आज पटना में प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया. रेलवे स्टेशन गोलबंर स्थित बुद्धा पार्क से यह मार्च निकलकर डाकबंगला होते हुए रेडियो स्टेशन पहुंचा, जहां एक सभा आयोजित हुई. मार्च का नेतृत्व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, प्रो. भारती एस कुमार, ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, महिला बुद्धिजीवी मीरा दत्त, अनिता सिन्हा, सोहिला गुप्ता, अनुराधा, मधु आदि महिला नेताओं ने किया. प्रदर्शनकारी हिंसा-उत्पात को प्रश्रय देना बंद करो, खट्टर-मोदी शर्म करो, धर्म के नाम पर हिंसा व आगजनी के समर्थक भाजपा सांसद साक्षी महाराज को गिरफ्तार करो, धर्म के नाम पर बलात्कारी को संरक्षण देना बंद करो, धर्म गुरू का चोला पहने बलात्कारी रामरहीम के प्रशंसक पीएम मोदी शर्म करें, आदि नारे लगा रहे थे.

ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने मार्च के उपरांत सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिस व्यक्ति पर 2003 से बलात्कार का आरोप है, उसके सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा के सभी बड़े नेता अपना शीश नवा चुके हैं. 2014 में मोदी ने राम रहीम को स्वच्छता आंदोलन का प्रतीक बताते हुए ट्वीट पर ट्वीट किया था. धर्म के नाम पर अपने डेरे के अंदर महिलाओं का यौन शोषण व उन्हें पूरी तरह मानसिक तौर पर पंगु बना देने वाले इस रामरहीम को स्वच्छता का प्रतीक बताकर मोदी ने दरअसल अपनी निकृष्टतम सोच को ही जाहिर किया था.

अभी, जब रामरहीम को बलात्कार का दोषी करार दिया गया है, तब भाजपा सांसद साक्षी महाराज लोकतंत्र, संविधान व कोर्ट को धत्ता बताते हुए उसे निरपराधी साबित कर रहे हैं. वे धमका भी रहे हैं कि यदि रामरहीम को सजा होती है, तो और भी बुरे परिणाम भुगतने के लिए देश तैयार रहे. जाहिर है, ट्रिपल तलाक की सांप्रदायिक व्याख्या करने व उस मसले पर लगातार ट्वीट करने वाले संघी ट्राॅल ने इस मसले पर बलात्कारी का साथ दिया है. हर बात पर ट्वीट करने वाले मोदी ने भी अब तक दोनों साध्वियों के साहस पर कोई ट्वीट तक नहीं किया है. यह आज साबित हो गया कि भाजपा-संघ की पूरी पलटन बलात्कारियों को संरक्षण देने वाली है.

सरोज चौबे ने कहा कि डेरा समर्थक अंधभक्तों के उत्पात में अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत, सैकड़ो बस एवं ट्रेन की बोगी में आग लगाने, यहां तक कि कोर्ट को फूंकने की कोशिश की गयी. और इन सबके सामने हरियाणा सरकार नतमस्तक रही. हाइकोर्ट के बारंबार कहने पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये गये. इससे जाहिर होता है कि भाजपा ने इस उत्पात को जानबूझकर होने दिया. वोट के लिए भाजपा नेता इस बलात्कारी के समक्ष अपना सर नवाते रहे हैं.

प्रो. भारती एस कुमार ने कहा कि डेरा प्रमुख के समर्थक आज पूरे देश के संविधान व न्याय व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं. 

Vibha Gupta

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