ऐपवा नेताओं पर हमले और दलितों की भूमि पर कब्जे के खिलाफ भदोही में महिलाओं का न्याय मार्च व सभा

भदोही. ऐपवा नेताओं पर बर्बर हमले और दलितों की जबरन भूमि हड़प के खिलाफ आज भदोही की महिलाएं आई सड़क पर उतरीं. महिलाओं ने रेलवे स्टेशन से तहसील तक न्याय मार्च निकला और सभा की. ऐपवा आंदोलन के दबाव में प्रशासन को ऐपवा नेता गेना गौतम को पीटने वाले गुंडों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और उल्टे गेना गौतम को थप्पड़ मारने वाले भदोही कोतवाल नवीन तिवारी का तबादला करना पड़ा है.

महाधरना में गैना गौतम , सुभावती गौतम और प्रमिला गौतम अपने साथ हुए दलित उत्पीड़न के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठीऔर धरने को सम्बोधित किया। धरने को ऐपवा से बनारस की शहर सचिव स्मिता बागड़े, भदोही में ऐपवा की जिला सचिव कबूतरा गौतम, राज्य सचिव कुसुम वर्मा और भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य अनिल पासवान ने सम्बोधित किया। भदोही में खेग्रामस के जिला अध्यक्ष बनारसी सोनकर और का. धर्मराज गौतम संचालन भदोही जिला सचिव कामरेड रामजीत यादव ने किया।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम भदोही जिलाधिकारी को 5 सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा गया और न्याय मिलने तक अपने सँघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।

उल्लेखनीय है कि 9 दिसम्बर को भदोही जिले की ऐपवा नेत्री गैना गौतम पर ग्राम सभा उमरी में खेत में बकरी चले जाने के नाम पर वह के एक दबंग ने अपने साथियों के साथ मिलकर सामूहिक हमला किया । अर्धनग्न करके उनकी पिटाई की। हमले में वह बुरी तरह से ज़ख्मी हो गई। गैना गौतम को बचाने आई सुभावती गौतम की भी गुंडों ने सरेआम पिटाई की।
अपने ऊपर हुए हमले की शिकायत दर्ज कराने जब वह भदोही कोतवाल नवीन कुमार त्रिपाठी के पास पहुंची तो कोतवाल ने उनकी शिकायत सुनना तो दूर उल्टे गैना गौतम को झापड़ मारा। ऐपवा और भाकपा माले के साथियों के वक्त पर आ जाने से दबाव में उसी रोज नामजद एफआईआर दर्ज करनी पड़ी लेकिन आज तक नामजद गुंडों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

मांग पत्र में गैना गौतम और सुभावती गौतम पर हमला करने वाले गुंडों को गिरफ़्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने, गैना गौतम को थप्पड़ मारने वाले भदोही कोतवाल के ऊपर यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कर तत्काल निलंबित करने की मांग की गई है.
मांग पत्र में कहा गया है कि  जिले में ऐपवा की सरकार द्वारा जबरन भूमि हड़प के ख़िलाफ़ बोलने और आंदोलन करने के एवज़ में ऐपवा की महिलाओं ऊपर फर्जी ढंग से आपराधिक मुकदमे लगा दिए गए हैं। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि आन्दोलकारी महिलाओं की आवाजों को दबाया न जाये और उनके ऊपर से फर्जी मुकदमों को तत्काल हटाया जाए।
दलितों की पुश्तैनी और पट्टे की जमीनें सामंतों के कब्जे से मुक्त कराकर दलितों को वापस किया जाय और प्रत्येक गरीब परिवार को आवास, आवासीय पट्टा और शौचालय की गारंटी की जाय. इसके अलावा ग्राम सभा की जमीनों पर श्वेत पत्र जारी करने, वास- आवास के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा देने, दबंगो से सरकारी जमीन को मुक्त कराकर भूमिहीनों में बांटे जाने की मांग की गई है।

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